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प्रकृति का नियम है कि जब भी कोई परिवर्तन होता है तो इसका असर, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, सब पर पड़ता है। हिमयुग में, जब बर्फ पिघलकर प्रकृति का नया रूप दिखा रही थी, तब मनुष्य के दिमाग की सोयी परतें भी एक-एक कर खुलने लगी। ये कहानी आदियुग के उसी चरण की अनकही दास्तान है, जिसकी हर घटना के साथ, समय भी अपनी करवट बदलता रहा। आदिकाल के मनुष्य ने अब जवाब तलाशने शुरू किए, अपने मस्तिष्क में उफनते अजीबो-गरीब सवालों के। उसी क्रान्ति में जन्म हुआ एक मामूली से दिखने वाले इंसान का,

प्रकृति का नियम है कि जब भी कोई परिवर्तन होता है तो इसका असर, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, सब पर पड़ता है। हिमयुग में, जब बर्फ पिघलकर प्रकृति का नया रूप दिखा रही थी, तब मनुष्य के दिमाग की सोयी परतें भी एक-एक कर खुलने लगी। ये कहानी आदियुग के उसी चरण की अनकही दास्तान है, जिसकी हर घटना के साथ, समय भी अपनी करवट बदलता रहा। आदिकाल के मनुष्य ने अब जवाब तलाशने शुरू किए, अपने मस्तिष्क में उफनते अजीबो-गरीब सवालों के। उसी क्रान्ति में जन्म हुआ एक मामूली से दिखने वाले इंसान का, जिसने इस हिमयुग की कहानी बदल कर रख दी, जो कहलाया ‘हिमयुग का महायोद्धा – अलबेला’

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Publish Date:

2019-03-25

Published Year:

2019

Total Pages:

219

ISBN 10:

8193952537

ISBN 13:

978-8193952535

Format:

Paperback

Country:

India

Language:

Hindi

Dimension:

20.3 x 25.4 x 4.7 cm

Weight:

200 g

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