Chugalkhor Khidki | चुगलखोर खिड़की -

Chugalkhor Khidaki | चुगलखोर खिड़की

खिड़की के उस पार वो कौन है? जो उसकी एकाग्रता भंग करना चाहता है। सृजन करने की चाह में चुगली की चिन्ता नहीं है। उफ्फ! काश रवि ने स्पीड तेज न की होती। उस लड़की ने चोर की सहायता न की होती! फिर भी उसे आशा थी, वो आशा जिसने आत्मविश्वास उत्पन्न किया और अपने साथ लाई, सफलता! (पढ़िए कंचन ठाकुर द्वारा लिखित चुगलखोर खिड़की और अन्य छोटी-छोटी कहानियां)

शांत मन से शांत वातावरण में मस्तिष्क के बंद कोने खुलकर मनोरंजन और ज्ञानवर्धक किस्से और कहानियों का सृजन करते हैं। वो खिड़की उसकी चुगली करती रही, परन्तु उसका कहानी लिखना रुका नहीं। उसने अपने भीतर छिपे ज्ञान के सागर को खिड़की के उस पार फैलाना था। खिड़की के उस पार वो कौन है? जो उसकी एकाग्रता भंग करना चाहता है। सृजन करने की चाह में चुगली की चिन्ता नहीं है। उफ्फ! काश रवि ने स्पीड तेज न की होती। उस लड़की ने चोर की सहायता न की होती! फिर भी उसे आशा थी, वो आशा जिसने आत्मविश्वास उत्पन्न किया और अपने साथ लाई, सफलता! (पढ़िए कंचन ठाकुर द्वारा लिखित चुगलखोर खिड़की और अन्य छोटी-छोटी कहानियां)

Categories:

Publish Date:

2024-01-01

Published Year:

2024

Total Pages:

70 pages

ISBN 10:

819681433X

ISBN 13:

978-8196814335

Format:

Paperback

Country:

India

Language:

Hindi

Weight:

100gm

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