Jadui Jungle aur Ashvamanvon Ki Vapasi | जादुई जंगल और अश्वमानवों की वापसी
1300 साल बाद, फिर समय बदला और अब 'अश्वमानवों' को देखा जाना इस बात का सुबूत है कि वाकई कुछ जादुई घटनाएँ घटने वाली है।
लेकिन क्या...? कोई नहीं जानता...!
मिथिलेश गुप्ता लेकर आये हैं, फन्तासी एडवेंचर में एक नई किताब ये कहानी कई सौ बरस पुरानी है… ये कहानी है उस जंगल की, जो न सिर्फ जादुई था, बल्कि कुछ अजीबोगरीब रहस्यों से भरा हुआ था। ये कहानी है उन अश्वमानवों की, जिन पर कभी इस जंगल का भविष्य निर्भर था। ये कहानी उन तिलिस्मी वृक्षों की भी है जिन्होंने जंगल के इतिहास को करीब से देखा और जिनकी हुकूमत उस जादुई जंगल के कोने-कोने तक फैली हुई थी! लेकिन वक्त बदला और एक दुष्ट सर्प ‘सर्पांग’ ने उस सुनहरे जंगल को अपनी विषैली शक्तियों के आगोश में ले लिया और फिर वह जादुई जंगल व उसके विलक्षण प्राणी फिर कभी किसी को नजर नहीं आए। 1300 साल बाद, फिर समय बदला और अब ‘अश्वमानवों’ को देखा जाना इस बात का सुबूत है कि वाकई कुछ जादुई घटनाएँ घटने वाली है। लेकिन क्या…? कोई नहीं जानता…!