Abhishek Joshi
अभिषेक जोशी एक साधारण ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते है। इन्होंने कक्षा-9 में अपना लेखन करियर शुरू किया। हालांकि उस समय यह अपने गुस्से व जिद्द पर नियंत्रण पाने के लिए ही कागज़ों को काला किया करते थे। लेकिन बाद में आपने कई सार्थक रचनाएँ लिखी और प्रकाशित की जिनमें ‘यात्रा’, ‘बिजनौर के देवता’, ‘इश्क़ समंदर’, ‘चंचल मन की शाश्वत कविताएँ’, ‘आखिरी प्रेमगीत’, ‘एक साधक की आत्मकथा’, ‘तेरी प्रेम कहानी’ आदि जैसी एक दर्जन रचनाएँ प्रमुख है। इन्होंने पीएमबी गुजराती साइंस कॉलेज, इंदौर से बीएससी इन इलेक्ट्रॉनिक्स और इंदौर के ही प्रसिद्ध, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एजुकेशनल मल्टीमीडिया रिसर्च सेंटर से एमबीए इन मीडिया की डिग्री प्राप्त की है। आपने जीवन के अच्छे और बुरे, दोनों समय में, दूध और किराने की दुकान चलायी है। बाद में एक अमेरिकन कंपनी की नौकरी ठुकराकर एडवरटाइजिंग एजेंसी में कॉपीराइटिंग करने लगे। फिर एक प्रकाशन संस्था में कंटेंट राइटर व एडिटर के तौर पर अपनी सेवाएँ देने हेतु जुड़े। लेकिन दूसरों की गुलामी करना इन्हें नागवार गुजरा और अपने संतोष के लिए कार्य करने लगे। इन्होंने शिक्षण और लेखन को करियर बना लिया। योग और आध्यात्म से आपका गहरा जुड़ाव है। समय असमय जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन भी करते रहते है। रामकृष्ण परमहंस के भक्त है। उन्हें अपना गुरु मानते है। वर्तमान में ओशन क्लासेस के डायरेक्टर और फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन के उभरते लेखक है। प्रस्तुत उपन्यास पर इन्हें अपनी प्रतिक्रियाएँ देने के लिए सीधे सम्पर्क करें: abhishekjoshi27@gmail.com.